TCS : BSNL सौदे में कमी से राजस्व पर असर पड़ सकता है -Top Nifty 50 कंपनियों

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टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) लिमिटेड जल्द ही जून तिमाही के नतीजों के साथ Nifty 50 कंपनियों के कमाई के सीजन की शुरुआत करने जा रही है। कंपनी के वित्तीय वर्ष 2026 की पहली तिमाही के परिणाम गुरुवार, 10 जुलाई 2025 को घोषित किए जाएंगे, और निवेशकों से लेकर विश्लेषकों तक सभी की नजरें इन पर टिकी हुई हैं।


लेकिन डॉलर में राहत

हालांकि TCS के रेवेन्यू में कांस्टेंट करंसी (CC) आधार पर 1.4% की गिरावट आने की संभावना है, लेकिन अमेरिकी डॉलर में यह तस्वीर थोड़ी बेहतर है। डॉलर टर्म्स में कंपनी का रेवेन्यू 0.6% बढ़कर $7,513 मिलियन तक पहुंच सकता है, जो पिछली तिमाही के $7,465 मिलियन से थोड़ा ऊपर है। इसका मुख्य कारण है 200 बेसिस प्वाइंट की करंसी टेलविंड, जो डॉलर की ब्रितानी पाउंड, यूरो और जापानी येन के मुकाबले कमजोरी से आया है।

हालांकि, भारतीय रुपये में रेवेन्यू 0.4% घटकर ₹64,206 करोड़ होने की संभावना है, जो पिछली तिमाही में ₹64,479 करोड़ था। यह गिरावट मुख्य रूप से BSNL डील के रैंप डाउन की वजह से है।


मुनाफे और मार्जिन पर क्या है अनुमान?

TCS का ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस स्थिर रहने की उम्मीद है। कंपनी का EBIT (ब्याज और टैक्स से पहले की कमाई) ₹15,623 करोड़ तक रहने का अनुमान है, जो कि पिछली तिमाही के ₹15,601 करोड़ से थोड़ा बेहतर है। EBIT मार्जिन 24.3% रह सकता है, जो Q4FY25 में 24.2% था।

हालांकि, नेट प्रॉफिट में 0.8% की गिरावट हो सकती है और यह ₹12,127 करोड़ पर आ सकता है, जो पिछली तिमाही में ₹12,224 करोड़ था।


TCS के Q1 नतीजों में किन बातों पर नज़र रखनी चाहिए?

  1. इंटरनेशनल बिज़नेस ग्रोथ: पिछली तिमाही में CC ग्रोथ 0.6% रही थी। क्या अब इसमें तेजी आएगी?
  2. FY26 आउटलुक: कंपनी पहले ही FY25 की तुलना में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेहतर प्रदर्शन की बात कर चुकी है। क्या ये भरोसा बना रहेगा?
  3. BSNL डील: हाल में कंपनी ने बीएसएनएल के साथ बड़ा करार किया है। सवाल ये है कि इसका वास्तविक लाभ कब से दिखेगा और क्या इससे मार्जिन पर दबाव पड़ेगा?
  4. वेतन वृद्धि: पहली तिमाही में टल चुके वेतन वृद्धि का प्रभाव मार्जिन पर कितना होगा और क्या कंपनी अपने EBIT मार्जिन लक्ष्य 26–28% की ओर बढ़ रही है?
  5. फ्रेशर हायरिंग प्लान: पिछली तिमाही में कंपनी ने कहा था कि FY26 में फ्रेशर हायरिंग FY25 (42,000) से बराबर या ज्यादा हो सकती है। क्या यह दोहराया जाएगा?
  6. टैरिफ अनिश्चितता: विशेषकर मैन्युफैक्चरिंग और रिटेल सेक्टर्स में इसका डिमांड पर क्या असर पड़ा है?
  7. Enterprise GenAI अपनाने की प्रगति: क्लाइंट्स में GenAI के उपयोग का खर्च पर क्या प्रभाव पड़ा और भविष्य में इसकी कितनी संभावना है?

स्टॉक पर नजर

बुधवार को TCS का शेयर 0.84% की गिरावट के साथ ₹3,377.50 पर ट्रेड कर रहा था। इस साल अब तक यह स्टॉक लगभग 18% गिर चुका है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। इस कारण से Q1FY26 के नतीजे बेहद अहम साबित होंगे।


निष्कर्ष

TCS के तिमाही नतीजे केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं हैं। यह भारतीय आईटी सेक्टर के लिए एक संकेत होंगे कि आर्थिक माहौल, वैश्विक बाजार और नई तकनीकों जैसे GenAI का किस तरह प्रभाव पड़ रहा है। निवेशकों को ये नतीजे बताएंगे कि क्या TCS अपनी रणनीति में मजबूती से आगे बढ़ रही है या बदलाव की ज़रूरत है।

अगर आप शेयर बाजार या आईटी सेक्टर में दिलचस्पी रखते हैं, तो 10 जुलाई को TCS के Q1 परिणामों पर विशेष ध्यान देना जरूरी होगा।

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